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छत्तीसगढ़ की बोलियां

छत्तीसगढ़ की बोलियां

 छत्तीसगढ़ में लगभग 99 बोली को व्यवहारिक रूप से प्रयोग किया जाता है छत्तीसगढ़ राज्य में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा या बोली वह है छत्तीसगढ़ी और हल्दी जो कि ज्यादातर प्रयोग होते हैं। देखा जाए तो छत्तीसगढ़ में मैदानी इलाकों में मुख्यतः आर्य भाषा समूह का प्रयोग होता है और ज्यादातर जनजातिय द्रविड़ भाषा समूह मुंडा भाषा समूह की बोलियां प्रचलित है। इस प्रकार से व्याकरण के ज्ञाताओं ने छत्तीसगढ़ की बोलियों को मुख्यतः तीन भाषा परिवारों में बांटा जो कि आपके सामने हैं

छत्तीसगढ़ की भाषाओं को विभाजित करने के आधार

छत्तीसगढ़ी रायपुरी बिलासपुरी रूपों को पृथक का का मोल आधार जो प्रदान करता है वह शिवनाथ नदी है इन इन दोनों संभाग की सीमा रेखा बनाती है शिवनाथ नदी। छत्तीसगढ़ में भाषा का वर्गीकरण करते समय ग्रियर्सन ने छत्तीसगढ़ी भाषा के वर्गीकरण का स्थान नहीं दिया है बल्कि इसे मराठी से युक्त करते हुए छत्तीसगढ़ी उड़िया तथा मराठी का एक मिश्रित रूप बताया है जो हमारी भाषा जो है वह अन्य भाषाओं से मिलकर बनी है।

  • खल्हाती और बस्तर बोली का वर्गीकरण प्राकृतिक आधार पर किया गया है।
  • सरगुजिया और सदरी कोरबा बोलियों का विभाजन का आधार पर पर्वत मालाये है।
  • बैगानी , बिझवारी, कलंगा, भूलिया बोलियों के वर्गीकरण का आधार जातिगत है।

 छत्तीसगढ़ी विभाषाओं का वर्गीकरण -

ग्रियर्सन के अनुसार-

  1. ग्रियर्सन ने भारत का भाषा सर्वेक्षण में भारतीय भाषाओं का सर्वोत्कृष्ट विश्लेषण किया है। ग्रियर्सन ने हिंदी प्रदेश को पूर्वी हिंदी के अंतर्गत केवल दो बोलियों अवधी और छत्तीसगढ़ी को शामिल किया है।
  2. उन्होंने छत्तीसगढ़ी बोली का वर्गीकरण क्षेत्रीय एवं जातीय आधार पर किया है-
  3. क्षेत्रीय आधार पर - छतीसगढ़ी, खल्हाटी, सरगुजिया।
  4. जातीय आधार पर - सादरी, कोरवा, बैगानी, बिंझवारी,कलंगा।

ग्रियर्सन के भाषा सर्वेक्षण के अनुसार समस्त छत्तीसगढ़ी भाषाओं की संख्या 37,55,343 थी।

डॉक्टर ग्रियर्सन ने छत्तीसगढ़ी भाषा को नौ भागों में बांटा है जो की इस प्रकार है-

  1. बिलासपुरी छत्तीसगढ़ी
  2. कवर्धा छत्तीसगढ़ी
  • खैरागढ़ी छत्तीसगढ़ी
  1. खल्हाटी छत्तीसगढ़ी
  2. सदरी कोरवा छत्तीसगढ़ी
  3. बैगानी छत्तीसगढ़ी
  • कलंगा छत्तीसगढ़ी
  • बिंझवारी छत्तीसगढ़ी
  1. सरगुजिया छत्तीसगढ़ी

भौगोलिक आधार पर छत्तीसगढ़ी का वर्गीकरण

  1. उत्तरी छत्तीसगढ़ी ( भंडार छत्तीसगढ़ी )
  2. पूर्वी छत्तीसगढ़ी ( उत्ती छत्तीसगढ़ी )
  • दक्षिणी छत्तीसगढ़ी ( रक्सहु छत्तीसगढ़ी )
  1. पश्चिमी छत्तीसगढ़ी ( बुडती छत्तीसगढ़ी )
  2. मध्य छत्तीसगढ़ी ( केंदरी छत्तीसगढ़ी )

छत्तीसगढ़ी भाषा का वर्गीकरण (डॉक्टर नरेंद्र वर्मा )

 (अ) रायपुरी

(ब) बिलासपुरी

  1. ख़ल्टाही
  2. लरिया
  3. सरगुजिया
  4. सदरी कोरवा
  5. बैगानी
  6. बिंझवारी
  7. कलंगा
  8. भूलिया
  9. बस्तरी व हल्बी

1961 ई. में की गयी जनगणना के अनुसार छत्तीसगढ़ की मातृभाषाएं इस प्रकार थी-

  • बैगानी
  • भूलिया
  • बिलासपुरी
  • बिंझवारी
  • छत्तीसगढ़ी
  • देवार
  • धमदी
  • गौरिया
  • गोरी
  • कांकरी
  • लरिया
  • नागवंशी
  • पंडो
  • पनकी
  • सतनामी
  • सरगुजिया