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वर्ग शब्द

विशेषण का निर्माण

 होनी म बिसेखन: क्रिया विशेषण

अइसन बिसेखन के शब्द (विशेषण शब्द) जेन हर होनी के गुन बताथे, होनी के बिसेसन कहाथे ।

 जैसे - 

दीया हर बुग - बुग बरत हे = दीपक मंद - मंद जल रहा है ।

चिरई हर सर्रट्ट ले उड़गे = चिड़िया सर्र से उड़ गयी।

फरिका हर झर्रस्स ले गिरगे = दरवाजा, छपाक से गिर पड़ा।

 फटफटी हर बुंग ले निकलगे = मोटर सायकल तीव्र गति से निकल गयी।

एमा बुग - बुग, सर्रट्ट ले, झर्रस्स ले, बुंग ले होनी के बिसेसन हे । आवव होनी के बिसेसन के बारे म बिस्तार ले जानीन –

(1) होनी के पहली, ओकर बिसेखन ओखी रख के लउहाई (शीघ्रता) बताये  जाथे । 

जैसे -

टप्प- ले-  धरना, पकड़ना, खाना, उठना गोठियाना, उतरना, ले जाना, लुकाना

झट्ट- ले-  धरना, जाना, खाना, भागना

खब्ब- ले-  धरना, गड़ना, दबोचना, खाना उखड़ना

थम्म- ले-  गिरना, धरना, रुकना, माढ़ना

रद्द- ले-  गिरना, ढेर पड़ना, गंदगी

फुदुक- ले-  पड़ना, गिरना, पलटना, फिसलना

बदबदाउन- ले-  गिरना, झड़ना, भागना, फेंकना

गरगर- ले-  भागना, गिरना, सरकना, नापना, निगलना

तुर्र - ले-   गँवाना, चिरकना, टपकना, बुलकाना, रेगना

चखल - चखल- ले-  चांटना, चलना, चबाना, खाना, छिचना ।

कठम्म- ले-  चबाना, कोथना, टूटना

पट्ट- ले- टूटना, गिरना, पड़ना, छूटना ।

पटरस्स- ले-   टूटना, दबाना, तोड़ना

पच्च- ले-  गड़ना, थूकना, परना, बुलकना, चुभना

पुचुक्क- ले-   गड़ना, थूकना, पड़ना, बुलकना

गटर- ले-  देखना, निगलना, खिसलना

बटर- ले-  देखना, मुँह फारना, लिलना

पुटरुस- ले-  टोरना, टूटना, बजना

अर्रा के- ले-   गिरना, किंदरना, घुमाना

मुच्च- ले-  हँसना, निकलना, झांकना, मुसकाना

झट्ट- ले-  जागना, टूटना, हबरना, पूरना

पुट्ट- ले- टूटना, गिरना, सोना

बुद्द- ले- गिरना, टूटना, पड़ना

छरछि- ले-  गिरना, बिखरना, दस्त होना, फुहारा होना

भकरस- ले- गिरना, निकलना, पीटना, चोट लगना

सर्र-ले  तीरना, भागना, उड़ना, नाहंकना, हबरना

निटोर- ले-   देखना, खोलना, डरुहाना (डराना)

कुट्ट- ले- चाबना, कोंथना, टूटना, कोंचकना

फुस्स – ले पादना, फूंकना, पूरना, खुलना, बुलकना, टूटना

गिदगिद- ले-   भीगना, पीटना, धूनना, चगलना ।

रचरिच- ले-  बजना, टूटना, गिरना, बजते हुए चलना, धंसकना

भड़ांग- ले-  फूटना, गिरना, बजना, टूटना, कूदना

कस्स- ले-  चबाना, धरना, मसकाना, चिमकना, जनाना (दर्द होना)

गटगटाउन- ले-  खाना निगलना

भट्ट- ले-  मरना, मारना, पीटना, गोठियाना, फूटना, चटकना,  बुझना

राय- ले-  उबकना, चमकना, गोठियाना, हबरना  

फट्ट- ले-  मरना, मारना, टूटना, फूटना, परना

खर्रस्स- ले-  खिसलना, गिरना, गिनना

चटचट- ले-  फूटना, सूखना, पोठाना, बुखार होना

थल्लक- ले- गिरना . परना, फेकना

रगम्म- ले- धूप आना . बिजली बरना, अंजोर होना, फूलफूलना . उभरना

भलभल- ले- गिरना, लुढ़कना, खुलना

पोट्ट पिट्ट- ले- खाना, गर्भवती होना

बम- ले- बादर आना, नशा चढ़ना, नींद आना, मातना, गिरना, नाचना, बजाना

झम्म- ले- फूल खिलना, धूप आना, नींद आना

छाँय- ले-  बादल का फटना, आना, साफ होना, हटना, ढंकना, उबलना

फुदुक (बुदुक, छुलुक, घुलुक, लुधुक्क, लुदुक्क)- ले-  गिरना, पड़ना, चूहना, बैठना

छल्लक (खल्लक, गल्लक, भल्लक, धल्लक, ढल्लक)- ले-  टपकना, पड़ना, निगलना . फिसलना . उछलना लुढ़कना

भोक्क- ले-  गिरना, पीटना, बजना, बजाना, वमन करना, उगलना

रफरफ- ले-  जमकर बैठना, जमना, स्थिर होना

गद्गद् (रदरद्, रोदरोद, गदगिद)- ले-  गिरना, बैठना, पड़ना, जमना, ढरना

कर्रटट- ले-  टूटना चबाना, बजना

गढत- ले-  पीटना, खाना, मसकना, कोंथना

 टाँय- ले-  गोठियाना, खटाई लगना, बजना

पड़ाक- ले- गिरना, टूटना, चटकना, परना

भड़ाक- ले-  गिरना, टूटना, चटकना, परना

धड़ाक- ले-  गिरना, टूटना, चटकना, परना

सड़ाक- ले-  गिरना, टूटना, चटकना, परना, पीटना

चुट्ट- ले-  नोचना, बतियाना, स्वाद लगना, चुभना

लकम- ले-  अमरना, चांटना, जीभ लगाना, जलना

लझरंग- ले-  गिरना, पड़ना, ओरमना

भंग- ले-  बरना, चिराना, जलना

जर्र - ले-  बरना, चिराना, जलना

खड्ग- ले-  टूटना, बजना, जुड़ना, छंट जाना

गद्द- ले-  गिरना, परना, पटकना, पीटना

रटाक- ले-  टूटना, पड़ना, कूदना, बैठना

 रच्चाक- ले-  टूटना, पड़ना, कूदना, बैठना

खुलुबुटु- ले-  स्नान करना, धोना, मांजना

चनचन- ले-  पोठाना, खाना, खौलना (उबलना)

गुलगुल- ले-  पकना, गलना, नरम होना, घुलना

खुलुल- ले-  गिरना, बजना, हिंटना, झरना, उतरना, धोना, स्नान करना ।

खलल- ले-  गिरना, बजना, हिंटना, झरना, उतरना, धोना, स्नान करना ।

कर्रच्च- ले-  काटना, टूटना, चाबना, चानना

लुबुर- ले-  गोठियाना, चाबना, चांटना, खाना, जीभ निकालना

कच्च- ले-  काटना, खाना, यूँकना

लरम- ले-  चांटना, जीभ, लमाना, नवना, बढ़ना

सुसक- ले-  रोना, हदरना, मुँह फुलाना ।

झांय- ले-  द्रव का गिरना, कूदना, उड़ना, टपकना

खडुग- ले-  गिरना, झरना, खुलना, बन्द होना

चर्र- ले-  फटना, जल उठना, टूटना

जर्र- ले-  जलना, बात करना ।

ठुकरुस- ले-  पहुँचना, धीमी आवाज में ठोकना, खाँसना

गुदुक्क- ले-  पहुँचना, उतरना,

रगरग- ले-  धूप आना, चमकना

भुडुंग- ले-  गिरना, झरना, खुलना, बन्द होना, तरना, बुलकना

चभरंग- ले-  पानी में डूबना, निकालना, पड़ना, गिरना

टघम्म- ले-  पानी में डूबना, निकालना, पड़ना, गिरना

दुभंग- ले-  पानी में डूबना, निकालना, पड़ना, गिरना, निगलना

टुघुम्म- ले-  पानी में डूबना, निकालना, पड़ना, गिरना, निगलना

हुडुब- ले-  बंद करना, पहुँचना

घुटुम- ले-  बुड़ना, पीना, घुटक

जगम- ले-  बरना, आँख, उघरना, जागना

गट्ट- ले-  निहारना, मचलना, लिलना (निगलना)

मट्ट- ले-  निहारना, मचलना, लिलना (निगलना)

फक्क- ले-  उपलाना, कलहत्थना (पलटना), माड़ना (जमना)

गर्र- ले-  उड़ना, भागना, गुर्राना, दउड़ना

चोरचिर - ले-   चलना, बैठना, भीड़ का उठना, जाना

कोंहकी- ले-  खाना, गर्भ होना

खलखल- ले-  झड़ना, गिरना, हँसना, धोना, स्नान करना, साफ करना, टूटना

हब्बक- ले-  चबाना, पकड़ना, रोकना पीटना, बात करना, धक्का देना, टोंचना आदि ।

खुरुस्स- ले-  टूटना, निकालना, फिसलना, देना    

फुसुक- ले-  टूटना, रोना, हवा निकलना, सरकना

चुर्रूस- ले-  निंदना (उखाड़ना) पीटना, बजना, टूटना

घमघम- ले-  फूल खिलना, बादर आना

झमझम- ले-   फूल खिलना, बादर आना

रमरम - ले-   फूल खिलना, बादर आना

भुसरुंग- ले-       ले निकलना, बुलकना, उबकना (उखड़ना)

सट्ट- ले-  पूरना, निकलना, तीरना, हबरना, खाना, कहना, लुकाना, (छिपाना)

सलक्क- ले-  तीरना, गिरना, बुलकना, फिसलना

भर्रस- ले-  गोठियाना, फिसलना, उठना

लुकुम- ले-  गोठियाना, चांटना, छिपना

ठक्क- ले-  माढ़, छोड़ना, धक्का लगना, पीटना, ठठाना

डुगडुग- ले-  बजना, पेट फूलना, उभार होना, ऊपर उठना

टुकुस्स- ले-  आ जाना, पहुँचना

अइसन तरह के नंगते कन (असंख्य) शब्द हे :

जैसे - टमटम ले, रदरद ले, दनदन ले, खरपर ले, जगजग ले, रसरस ले, फरफिर ले, टरटिर ले, लकलक ले, खसखस ले, चमचम ले, खदखद ले, रफरफ ले, खमखम ले, सरपट ले, दमदम ले, गदगद ले, बुदबुद ले, लुदलुद ले, चकचक ले, चुकचुक ले, चरचर ले, चनचन ले, चटचट ले ।

(2) होनी के " ना " ल हेर (निकाल कर) के ओकर पाछु " आऊ ' ' शब्द जोड़ के नवा शब्द बनाये जाथे ।

जैसे -

अमरना ले अमराऊ = पहुँच तक चढ़ना ले

चढ़ाऊ = ऊँचाई तक

खाना ले खवाऊ = खाने योग्य

भागना ले भगाऊ = भागने योग्य

जाना ले जवाऊ = जाने योग्य

(3) " ना " के जगह " उन ' ' शब्द जोड़े ले :

जैसे - सरसराना ले सरसराउन = तेज गति के साथ

भदभदाना ले भदभदाउन = भागने या गिरने का शब्द

गदगदाना ले गदगदाउन = बौछार पर्वक निकलना ।

हबहबानाले हबहबाउन = चबाने या पकडने की क्रिया

(4) होनी म वइया, इया जो कर्ता बनाये जाथे

जैसे - गाना ले गवइया ।

खाना ले खवइया = भोगी

चलना ले चलइया = चालक,

राही रेंगना ले रेंगइया = चलने वाला

करना ले करइया = करने वाला / कर्ता

मरना ले मरइया = मरने वाला या मारक

बजाना ले बजइया (बजनिया) = वादक

जाना ले जवइया = जाने वाला / गामी

रोना ले रोवइया = रोने वाला

जोड़ना ले जोड़इया = जोड़ने वाला

बताना ले बतइया = बताने वाला

(5) होनी म पारन शब्द जोड़ के धोखा / चुक भाव व्यक्त किये जाथे ।

जैसे - खाना ले खा पारना = धोखा में खा लिया

बिगाड़ना ले बिगाड़ पारे = धोखा में बिगाड़ दिया ।

(6) होनी के संग ' आन ' जोड़ के :

जैसे - बोलना ले बोलान = कथन

खोदना ले खोदान = खन्ती

उड़ना ले उड़ान = उड़ान

कहना ले कहान = कथन

मूतना ले मूतान = मूत्र सम्बन्धी

हपचाना ले हपचान = ठोकर सम्बन्धी

(7) होनी म " अल ' जोड़ के बीते बेरा (भूतकाल) के बोध होथे ।

जैसे - गिरना ले गिरल = गिरा हुआ (पड़ा)

चुरना ले चुरल = पका हुआ

कूदना ले कूदल = छलांग लगाया हुआ

खनना ले खनल = खोदा हुआ

पड़ना ले परल = पड़ा हुआ

बिनना ले बिनल = उठाया हुआ

हपटना ले हपटल = हपटा हुआ

पाना ले पावल = प्राप्त किया हुआ अऊ

सूतल, जुठल, जानल, पीयल, मूतल, बहल, टूटल, गिरल, धरल, अइंठल, टोरल, करल, धरल, सुघल, उठल ।

(8) होनी म " औनी " जोड़ के –

जैसे - बनाना ले बना + औनी = बनौनी = बनाने का

लिखना ले लिख + औनी = लिखौनी = लिखने का ।

अइसे - गिरौनी, सुघरौनी, पुरौनी, जवौनी, हपटौनी, चुपरौनी, हफरौनी, फुकौनी, भरौनी, रेंगवनी . . . . ।

(9) होनी म “ दार या डार " जोड़ के कहौनी गोठ (आदेशात्मक) बनाये जाथे ।

जैसे - मारना ले मार डार = मार डालो

जराना (जरोना) ले जरो डार = जला डालो

चलना ले चल डार = चलो

खाना ले खा डार = खा लो

पीटना ले पीट डार = पीटो

पीना ले पी डार = पी लो

अइसे अऊ - नून डार, रो डार, चीर डार, खींच डार, सीरक डार, टोर डार, हपट डार, चीथ डार, सुसक डार, फेंट डार, रेंग डार, पीस दार, लूट डार, हागडार, मूत डार, झगर डार, हला डार, चराडार, नहा डार, तीर दार, कोंथदार, फोर डार, बजा डार, पढ़ डार, बार डार, बुझाडार, पलो डार ।

(10) होनी मा " हा, हीन, रिन ' ' जोड़ के कर्ता बनाये जाथे । ।

जैसे - टोकना ले टोकहा = टोकने वाला

पनिया ले पनिहारिन = पानी भरने वाली ॥

भोगना ले भोगहा = भोगी

भागना ले भगनहा = भागने वाला

झगड़ना ले झगड़हीन = झगडने वाली

बुध ले बुधियारिन = बुद्धिमति

(11) उ, च, ए, अऊ इ ए च ए जोड़ के

जैसे -

खाना ले खवउचए = खाने योग्य, खाना चाहिए ।

जाना ले चवउएच = जाना चाहिए

सूतना ले सूतउचए = सोना चाहिए ।

लाना ले लनउचए = लाने योग्य या लाना चाहिए

रेंगना ले रेंगउचए = जाने योग्य

सूतना ले सूतइच ए = सोता ही रहा सिर्फ सोने का

अइसन - हबरउचए, चोरउचए, डहंकउचए, कूदउचए, फिरोइएचए, खवइएचए, पिटोइएच, रपटोइएचए, गनोइएच, उघरोइएचए कई . . . . ।

(12) होनी म उल, उला जोड़ के

भागना ले भगउला, भगउल = भागना चाहिए ।

जागना ले जगउला, जगउल = जागरण या जागना चाहिए ।

अऊ पढ़उल (पठनीय) रेंगउल (गमनीय) समझाउल, हबरउल (पहुँच), फूंकउच,भरकउल, डॅहकउल, चुहकउल, भरउल,पीटउल, पीटउल . . . ।

(13) होनी के पहली " अन " अउ बाद में " हा " ना जोड़े ले ।

जैसे - चेतना ले अनचेतहा = असावधान

देखना ले अनदेखना = बिना देखा हुआ या

द्वेषी जतनना ले अनजतन = असुरक्षित लावारिश

(14) होनी म ' आई ' जोड़ के ।

जैसे - लहुटना ले लहुटाई = वापसी

सोना ले सुताई = शयन

अगोरना ले अगोराई = प्रतीक्षा

पीना ले पियाई = पीने का, पेय

(15) संखिया (संख्या) मंझनिया, जनिया या गनिया जोड़ के ।

जैसे - एक झनिया = अकेला ।

चार जनिया = सार्वजनिक |

दुझनिया = दो जन ।

दस झनिया = दस लोगों से सम्बन्धित ।

(16) होनी म " औती " जोड़ के ।

जैसे - गिरना ले गिरौती = गिरता हुआ, झुका हुआ

अरझना ले अरझौती = लटकता हुआ

मारना ले मरौती = मारक या मारता हआ ।

अइसे अऊ कोचकौती, हपटौती, हफरौती, लहुटौती, पिटौती, गड़ौती . लुटौती, झपटौती, मिलौती, जमौती, सूतौती, संझौती (सांन्ध्य), चिरौती, बुड़ौती, खनौती, जगौती, खवौती ।

(17) होनी म " याही " शब्द जोड़ के ।

जैसे - रेंद करना ले रेदियाही = झगड़ा जैसा

जूठा खाना ले जुठियाही = पराश्रित होना

(18) होनी म सम्भावना बताये बर अइसन ओखी बनाये जाथे ।

जैसे - गिरना ले गिरे गुराना = शायद गिरा हो या गिर न जाये

जाना ले जाये जुवाना = यदि गया होया जाना चाहता हो तो

पाना ले पाये पुवाना = यदि मिला हो या मिलने की उम्मीद हो तो

अइसे - भागे भुगाना, जागे जुगाना, बजाये बुजाना, चोराये चुराना, बइठे बुठाना, रोवे रुवाना, देहे दुहाना, बाजे बुजाना, चाबे चुबाना, लुये लुवाना, देखे दुखाना, ओढे, उढ़ाना, बुलके बुलकाना, फँसे फुसाना, हेरे हुराना . . . . ।

(19) होनी म सी, सीन जोड़ के साध बताथे जाथे ।

जैसे -  खाना ले खवासी = खाने की इच्छा

मताना ले मतासीन = मातने जैसा

जाना ले जवासी = जाने की इच्छा

मताना ले मतासी = मातने जैसा

अइसन - पियासीन, गिरासीन, भूखासीन, सूतासीन, दउड़ासीन, मूतासीन,

देखासीन, भगासीन, रोवासी, हांसी, उछरासी, घबड़ासी आदि ।

(20) एहू होनी म लउहासी (तीव्रता) बोध होथे ।

उदा - खाते खाना = तुरन्त खा लेना

दंताते दंताना = दांत में लगाना

जाते जाना = जल्दी चले जाना

चबाते चबाना = चबाते ही चबाना

अऊ उगलते उगलना, भागते भागना, रेगते रेंगना, रोते रोना, कहते कहना, गाते गाना, जगाते जगाना, खनते खनना, मूतते मूतना . . . . ।

(21) होनी के संग " धरना " जोड़ के समरत (सामर्थ्य) अऊ उछाह (उत्साह) होथे / एहर तीनों बेरा (काल) के तीनों रूप (सुभाव, अपूरन, पूरन) के तीनों परगट पुरुस (परथम, दुअल अऊ तियल) अऊ दुनों वचन म परयोग होथें ।

जैसे -

लिखे ल धरहूं त = यदि लिखना चाहूँगा गा तो

लिखे ल धरबो त = यदि लिखना चाहें तो ।

लिखे ल धरबे त = यदि लिखना चाहोगे तो (तुम)

लिखे ल धरिहा त = यदि लिखना चाहोगे तो (आप लोग)

पढ़े ल धरही त = यदि पढ़ना चाहेगा तो (वह)

पढ़े ल धरिहा त = यदि पढ़ना चाहेंगे तो (हम, वे, आप लोग)

(22) होनी के ना ला हेर के " ती " या आतु जोड़े ले होनीबेरा (क्रिया काल) अऊ बरतमान के बोध कराथे ।

जैसे -

बताना ले बताती = कथानुसार

पीटना ले पीटती = पीटते समय

रेंगना ले रेंगती = चलते समय

पहाना ले पहाती = बिताते समय

जाना ले जाती = जाते समय

सहना ले सहातु = ताकि सहन कर

सके गिरना ले गिरातु = गिरता हुआ

सूतना ले सुतातू = लेटते हुए

पेलना ले पेलाती = ढकेलते समय

गिरना ले गिरती / गिराती = गिरते हुए ।

करना ले करती = करते समय

(23) होनी म “ पातुर " जोड़े ले अइसन ओखी बनथे

जैसे -

खाना ले खाये के पातुर = खाने में अगुवा

जाना ले जाये के पातुर = चलने में प्रवीण बरबादी की ओर अग्रसर होना

मरना ले मरे के पातुर = मरने को उतावला

धरना ले धरे के पातुर = धारण करने में प्रवीण

(24) होनी म “ जाय " अऊ " साध " ओखी जोड़ के सम्भावना अऊ लउहापन बताये जाथे ।

जैसे -

बनाना ले बन जाय = बनना चाहिए ।

खाना ले खा जाय = खा सके ।

खाना ले खाते साध = तुरन्त खा कर

जाना ले जाते साध = जाते वक्त ही

अइसन अऊ - देखते साध, रोते साध, खाये के साध, मांगते साध, लिखते साध, रेंगते साध, आते साध, भर जाय, फूट जाय . . . . .

(25) नियम 23 के ओखी के पहली ' तेमा ' जोड़े ले

जैसे - 

तेमा रेंग जाय * = ताकि चल सके

तेमा भाग जाय = ताकि भाग सके

तेमा टंगा जाय = ताकि लटक सके

तेमा जाग जाय = ताकि जाग सके

(26) होनी म रेंद (घर्षण) घलो होथे जेन अइसन हे –

धक्का देना ले धक्की धक्का = दोनों तरफ से धक्का देना

पेलना ले पेलिक पेला = दोनों तरफ से धक्का देना

अइसन - ठेलना = ठेलिक ठेला

हपिकाना = हपकिक हपका

मारना = मारिक मारा

कोंथना = कोथिक कोथा

चाबना = चाबिक चाबा

हुरसना = हुरसिक हुरसा

चिंथना = चिथिक चिथा

पुदकना = पुदगिक - पुदगा

फूंकना = फूंकिक फूंका

हेरना = हेरिक हेरा

(27) बजनी ओखी (ध्वन्यात्मक शब्द) ले कर्ता अऊ संज्ञा बनाये जाथे ।

जैसे - कर्ता बर –

टुड़बुड़ ले टुडबुड़िहा  

मलमिल ले मलमिलिहा

लदबिद ले लदबिदहा (लदबदहा)

लड़बिड़ ले लड़बिड़हा

खड़बिड़ ले खड़बिड़हा

तड़बिड़ले तड़बड़िहा

तड़फिड़ ले तड़फडिहा

हड़बड़ ले हड़बिड़हा

सड़बिड़ ले सड़बिड़हा

भड़भिड़ ले भड़भिड़हा

खनफिन ले खनफिनिहा

झिकझिक ले झकझिकहा 

संज्ञाबर - घुडबुल = घुडघुड़िया,

ठुनटुन =  ठुनठुनिया,

दुमदुम= दुमदुमिया,

खुलखुल = खुलखुलिया,

सविड़, सड़बिड़सइया,

ठड़बिड़ = ठड़बिड़हा,

गुलुम = गुलुमगइया,

लकविक = लकविकलइया,

झरफिर = झरफिरझइया,

भुनभुन = भुनभुनिया,

कुनकुन = कुनकुनिया,

सुरसुर = सुरसुरिया,

लदबिद = लदविदलइया,

टुडबुड़ = टुडबुडटइया,

हरफिर = हरफिरहझ्या,

ढलमिल = ढलमिल ढइया,

टनमन = टनमनटइया । ।

(28) होनी म उखमा (उपमा) अइसन होथे ।

जैसे -

बिलाई कस निहारना = एकटक देखना

कुकुर कस मूंकना = बकवास करना

मगर कस खाना = निगल जाना

हिरनी कस चलना = मृगगामिनी

जोंक कस सलंगना = सरकते हुए चलना

घोड़ा कस हिनहिनाना = अस्पष्ट फुसफुसाना

सांप कस रेंगना = टेढ़ी चाल में चलना

मुसवा कस डंहकना = चपलता दिखाना ।

बिलाई कस जोहना = ताक में रहना या एक चित्त रहना

छछांद कस झपटना = शीघ्रता पूर्वक पकड़ना

जोंक कस धरना = कस्स कर पकडना

छुछुकस चिचकारना = अचानक, अनावश्यक चिलाना

चिराई कस नरियाना = धीमी आवाज में बोलना

(29) वजनी औखी (ध्वन्यात्मक शब्द) म " उन ' जोड़ के गतिबोध कराये जाथे ।                

जैसे - गदगदउन, सरसराउन, धरधराउन, फदफदाउन, बदबदाउन, खरखराउन, भदभदाउन, सटपटाउन, गरगराउन, लसलसाउन, कड़काउन, जरजराउन, खुरखुराउन, सुद ुदाउन, लबलबाउन, कुलकुलाउन, पकपकाउन, रसरसाउन, चपचपाउन, धड़धड़ाउन, फड़फडाउन, बकबकाउन, खबखबाउन, सकसकाउन, खलखलाउन, चरचराउन, चटचटाउन

(30) ए होनी म मबिस या सम्भावना के बोध होथे :

जैसे -

बनना ले बने - बुनाये = बनने ही वाला था या शायद बन सका तो

खाना ले खाये - खुवाये = खाने ही वाला था या शायद खा ले तो

रेंगना ले रेंगे - रुगाये = चलने ही वाला था या शायद जाना चाहे तो

पढ़ना ले पढ़े - पुढ़ाना = पढ़ने ही वाला था शायद पढ़ ले ।

(31) होनी म बजनी होनी बिसेखन (ध्वन्यात्मक क्रिया विशेषण) ल तीनों बेरा के तीनों रूप म परयोग होथे ।

जैसे - होनी बिसेखन

चढ़ना - दनदनाना = दनदनाके, दनदनावत, दनदनाती

झमझमाना = झमझमाके, झमझमावत, झमझमाती

नाचना - छमछमाना = छमछमाके, छमछमावत, छमछमाती

जैसे -

(i) बरतमान बेरा = दनदनाके चढ़थे, दनदनावत चढ़थे, दनदनाती चढ्थे

(ii) पछम बेरा = दनदनाके चढ़गे, दनदनावत चढ़गे, दनदनाती चढ़गे

(iii) अगम बेरा = दनदनाके चढ़ी, दनदनावत चढ़ी, दनदनाती चढ़ही

अइसन ढंग ले रकम - रकम के होनी म एहर होथे, आप जरूर परयोग रके सेम्पल  देख सकत हौ ।

(32) कुछ अइसन होथे जेन हर जारी रहिथे अऊ आने सहायक होनी के संकेत बताथे ।

जैसे - गाना ले गावत गात या गावत - गावत = गाते हुए (भी)

खाना ले खावत खात या खावत - खावत = खाते हुए (भी)

चलना ले चलते चलत या चलत - चलत = चलते हुए (भी)

(33) नियम 31 के होनी म अइसन होये ले लउहाई (शीघ्रता) के बोध होथे ।

जैसे - रोना ले रोते रोवत या रोते रोइस = रोते हुए या रो पड़ा

चलना ले चलते चलत या चलते चलीस = चलते हुए या चलने ही लगा

रेंगना ले रेंगते रेंगत या रेंगते रेंगीस = चलते हुए या चलते बनना ।

(34) दु - चार ठन झनझनाती अऊ लड़भड़ाती ओखी अइसन हे –

खोखोमारो, चरक दोनोक्क, हचरक्क, ढोंय - ढोंय, भों - भों, रोकोपोको, भसरंग, खड़बिड़, भकरस, फोय - फोंय, सों – सों, कोकोमोरो, लसरक, सोय - सोय,कोय कोय, जोजोमोलो,  बनधना, सरसर, धसरक,              

कुईस कुईस, होलोकोचो,भनभना, खलभल, भसरक, कॉय - कॉय, हदरय, च्युक - च्युक, होलोकडोमोर, खरखर, रमझमाक, ढकरस, सेप – सेप, जालामाटा, भोकरोस, दनदनाक, धोमोक,पॉय पॉय,  खोचरोट, कोचेक्क, धमरस, ओहे - ओहे, भोसरोण्ड, हबिड़ध चरक,                     

खलभलात अइसन हा ओखी छत्तीसगढ़ी भाखा म अखन (असंख्य) भरे हवै ।

(35) बरतमान बेरा के स्थिति म प्रमान स्वरूप होनी के बिसेखन ।

जैसे -

जानना ले जानब  = जानकारी में,

देखना ले देखब = देखने में

कहना ले कहब = कहने में

लिखना ले लिखब = लिखने में

(36) पेलिक पेला शब्द (द्वन्द्वात्मक शब्द) होनी के बिसेखन –

जैसे - खुसुर खइया, धुकुर धइया, बुलंग बइया, लुबुर लइया, भसाभस, भुटुर भइया, मुचुर मइया, सुटुर सइया, सरफिर सइया, सकासक, लसालस, खुलुलखइया, मटमिटमइया, झुकुर झइया, खड़बिड़ खइया, रसारस खरभिर खइया, सुलुंग सइया, खसफिस खइया, लड़विड़ लइया, घसाघस, धरधीर धइ या, रोखरिक रइया, गटागट, फटाफट, ठसाठस, धकाधक, सटासट, रटारट, चटाचट, भडाभड़, खटाखट

(37) छत्तीसगढ़ी के बनउटी (कृत्रिम) अऊ मिलउटी (मिश्रित) शब्द जेकर कोनो ठोस अरथ नई होबै, अइसन हे

जैसे -

होलोकोचो

 परेशान, भीड़भाड़

होलोकडोमार

 उबड़ खाबड़

रोको पोको

 बड़ी मुश्किल से (चढ़ना / पार होना)

जोजो मोलो

 उलझा हुआ

होलोकोचो

 हड़बड़ी, परेशान

भोसरोण्ड

 मोटा, ताजा

लसफिसलइया

 लबलबाहट (उबलना)

सलबिल सइया

 लहराना (रेंगना)

लोलोथोथो

 लुलवा, सुस्त, शिथिल

रोहोन बोटोन

 अस्त व्यस्त

फुसुरफइया

 हल्का, फुल्का, नींद, आवाज

दललदइया

 देखाताका, ईर्ष्या

दललमलल

 देखाताका, ईर्ष्या

ठुनुनठड्या

 हल्का, फुल्का

झररमरर

 रुष्ट होते हुए

खोखोमोरो

 बड़ी मुश्किल से (चढ़ना)

छोलोबोटो

 लथपथ, उलझा हुआ

छोलोलछइया

 लथपथ, उलझा हुआ

लसरलइया

 बार - बार लपेट, उठना - बैठना

कोड़कोड़ाना

 कुड़ - कुड़ की आवाज करना

खोड़खोड़ना

 खड़ - खड़ की आवाज करना

लोडभोड़लइया

 लड़खड़ाते हुए

फललफइया मन

 उतावलापन (बात)

लपरलइया

 उतावलापन (बात)

ढेलेमढइया, ढेलमेल

 ढिलाढाला किकोमोरो,

चेहेक बेदेक

 शोर शराबा

लरमगटम -

 कुमिश्रण लान

लरीलइया

 फटाहाल लसंग

लइया

 झलते हए

गोजो मोलो

 बिगड़ा हुआया

सलमगटम

 कुमिश्रण को

लोरोबोटो

 उलझा हआमनि

हुलुक डुमूर

 उबड़ खाबड़

पोलोग पइया

 ढिलाढाला

गइमगइया, गलमसलम

 असभ्यता पूर्वक

चोचोक चोमोर

 अस्त - व्यस्त

पोलोल पइया

 ढिलाढाला

धोधो लोलो

 निष्क्रीय

तोलोल तइया

 निष्क्रीय

झोलंग झाइया

 ढिलाढाला

जलंग लथंग

 उलझा हुआ

गोलोमगइया

 असभ्यतापूर्वक (निगलना)

लोडभोडाना

 अलकना, मिलाना

लोकोमलइया

 खींचना, लालायित

ठुनठुन

 मुनठुन - तंत्र मंत्र

खंखाझाड़

 पूर्ण खाली

रेहन - बंटन

 अस्त व्यस्त


(38) अवधि से तक बताये बर क्रिया शब्द के ना ल हटा के त अउ ले अक्षर जोड़ जाथे ।आदि

जैसे -

जाना ले जात या जावल ले = जाते तक

खाना लेखातले = खाते तक

गाना ले गाल ले = गाले तक

बजाना ले बजातले = बजाते तक

(39) अपूरन बरतमान बेराके होनी म " दे ली " या " दे ले ली " शब्द जोड़े ले भविस के होवइया होनी के सम्भावना दिखथे ।

जैसे -

खाये दे ले ली  = खाने देते हैं, उसके बाद

आये दे ले ली  = आने देते हैं, उसके बाद

जाये दे ली      =  जाने देते हैं, उसके बाद