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वर्ग शब्द

बाक्य परयोग

मजाक या ठठ्ठा के परयोग

ये संसार बड़ जबड़ हे । जेमा नान्हे - बड़े कई ठन देश सामिल है । कई जात - पाँत के आदमी मन रथे जेकर अलग - अलग भाखा , संस्कृति , रहन - सहन हे । हर मनसे मन के अलग - अलग बिचार - मत हे । कई झिन तो कथें कि 194 या 249 देश हे । हमन अपन देश ला माता कथन । हमर भारत माता दाई बड़ मया - मयारुक , माकुल हे । दूसर देश मा कतकोन इस्तिरी - पुरुष मन छोड़िक - छोड़ा होथें , पता नी चले । आज एक ला बनईन , काली दूसर ला , परनदिन तीसर ला येसनेच चलते रथे । कोरी - खेरखा परेम बिहाव होते रथे । पता नी चले कि अपन जिंनगी मा केझिन पति - पत्नी बनाईक - बना होगे ? इहाँ तक की कोरट मा बिहाव होथे घर आतले छूटीक - छूटा हो जाथे । का कहावं उहाँ के रिवाज , नियम - धियम ला ? आज ऊहां ये हा फेसन होगीस हे । जेकर संग परेम होगे ते बस उही ओखर परेमी - पत्नी बनगे । हमर भारत देश मा अईसन नी हे । जेला अगनी के साखी मा पति मान लीस तेला जिंनगी भर बा निभाथें । तभी तो इही ला बिहाव कथें । महतारी ओ हे जेमा परेम , ममता अउर करुना के सागर छलकत रथे । परिवार ओला कथें जिहाँ दाई - ददा , भाई भौजाई , काकी - कका , लईका - पिचका , सियान - सियानीन , जम्मो झिन एक मया - पियाँर के डोरी मा बँधाय रथें । घर - परिवार मा मजाक होते रथे । इही हँसी - मजाक हा तो बने मन ला सफ्फा , चंगा अउर फूर रखथे । कभू - कभू इही मया हा तो सरग कस लागथे । घर मा नर - नारी ( पत्नी - पति ) , भई - बहिनी मा , भईया - भवजाई , देवर - नंनद , भांटो - सारी के बीच त कभू - कभू देरान जेठान , डोकरी - डोकरा अउर पारा के अरोसी - परोसी मन के बीच मा ठा दिल्लगी ( हँसी - मजाक ) होते रथे । आवव हमन इही मजाक के एक कनी गोठ गोठियाय के बारे मा चरचा करबोन ।

जइसे : -

1 . बने सम्हर ले ओ ! सारी के बिहाव हे , तभे तो हमर दीदी हे कही के चिन्हीं तोला ।

2 . नी लजाय के या ! बिहाव के बाद तो अउरे लजाथस तें हा ।

3 . देवर बाबू हमर बहिनी ला बने मया - मजाक करथो की नीहीं ?

4 . तोला हमर देरानी हा बने परेम करथे नीही या ?

5 . ये नोनी ! हमर भईया संग बने - बने रहिथो , गंज तकलीद झिन देबे ।

6 . नोनी ! हमर भईया हा ना , देवता हे , ओला मनइच के रखबे ।

7 . दूनों जोही बने मजा ले रहव , जईसन सिया - राम मन रहीन हे ।

8 . देवर बाबू संग मा खाथो - पिथो नी या ? खाय - पीये मा गंजेच परेम बाढ़थे ।

9 . सारी - भांटो के मजाक तो दुनिया मा छाईत हे ।

10 . देरानी हाथ के पानी पीये ला कब मिलही देवर बाबू ।

11 . देरानी - जेठानी बने सुन्ता - सलाह ले रथो की खिटखीटाथो ।

12 . डोकरी होगे हस तेहां तबले अबड़ेच फेसन मा रइथस ओ ।

13 . ओदे परोसिन हा आज गंजेच मिटमीटावत हे का होगे हे ते ।

14 . नोनी तें कतकोन साबुन्द ले रगड़ के नहाबे बिलइ के बिलईच रहीबे ।

15 . भइया - भौजी ला संगरा रेंगत नी देखे हन , संग मा रेंगना लजाथो का ।

16 . देवर - देरानी तुम्हर जोड़ी राधा - किसन कस फबे हे ।

17 . काकी तोर गीत के राग तो कोयली ला मात करदिस हे ।

18 . देवर बाबू तुम्हर परेम हा बैजू - बावरा ला मात कर दिस हे ।

19 . देवर बाबू आज कल तहूं हा टूरी मन कस स्तू - पावडर ले सम्हरथस ।

20 . डोकरी - ढांकरी ला का सजे के मोटियारी मन के सजना है ।

21 . सास मन बूढी डोकरी होगे हो तबले अबड़ेच फेसन मा रहिथो ।

22 . तुमन देरानी - जेठानी एके बहिनी कस दिखथो गेहे ।

23 . परोसी मन ले जादा दिल्लगी - ठठ्ठ हा कभू - कभू जी के जंजाल हो जाथे ।

24 . डोकरी - डोकरा मन फकफकले पडरा - पडरी हो तुम्हर लइका मन तो बिरबीट ले करिया - करियाच होगे हैं ।

25 . ननंद तोला ये छीटही लुगरा - पोलखा हा अखात सुन्दर फबे हे कोन टूरा मन देख के नी झपाही तोर उपर ।

26 . भईया तें भौजी पसंद करे ला जाथस ते , बने गोरी - नारी ला देखबे इच्चट कारी - बिलई ला नोहें ।

27 . भौजी तोर बिहाव दिन हे का या तबे तो नावा - नावा लुकरा पेहरे हस भईया हा जल्दी मोहाही कहीके ।