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वर्ग शब्द

बाक्य परयोग

' करा ', ' मेर ', अउर लंग ' के परयोग

छत्तीसगढ़ मा ' मेर ', ' करा ' अउर ' लंग ' के परयोग अलग - अलग जगह के मनसे मन अपन - अपन रुचे के अनुसार अलग - अलग करथें, बोलथें । तीनों के अरथ लगभग ' पास ' ( हिन्दी मा ) ही होथे ।

1 . ' मोर मेर, मोर करा अउर मोर लंग ' ( मेरे पास / मेरे आगे ) : - एकर प्रथम पुरूष कर्ता एक वचन के साथ परयोग होथे ।

जइसे : -

मोर मेर आ । ( मेरे पास आइये )

मोर लंग एक रुपया हे । ( मेरे पास एक रुपया है । )

मोर करा आना तोला खई - खजाना दुहूँ । ( मेरे पास आओ ना तुम्हें कुछ खाने लायक दूंगा )

2 . ' हमन / हमर - मेर ' ( हमारे पास ) : - एकर प्रथम पुरूष कर्ता बहुवचन के साथ परयोग किये जाथे ।

जइसे : -

हमर मेर हावे न जी । ( हमारे पास निश्चित रूप से है । )

हमर मेर सुतबे । ( हमारे पास सोना । )

हमन मेर आबे । ( हमारे पास आना । )

3 . ' तोर मेर ' ( तुम्हारे पास ) : - ए हा द्वितीय पुरुष एक वचन के साथ परयोग होथे ।

जइसे : -

तोर मेर हावे का जी ? ( क्या तुम्हारे पास है जी ? )

तोर मेर आहूँ । ( तुम्हारे पास आऊँगा । )

तोर मर खाहूँ । ( तुम्हारे साथ खाउँगा । )

4 . ' तुमन करा, तुम्हर मेर अउर तुंहर मेर ' ( तुम्हारे पास और आप के पास ) : एकर द्वितीय पुरुष एक वचन अउर बहुवचन दूनों के साथ परयोग होथे ।

जइसे : -

तुमन करा पटका हे ? ( क्या तुम लोगों के पास तौलिया है ? )

तुमन मेर का रहिस । ( तुम्हारे पास क्या था । )

तुहर लंग भेज दिहँव । ( आप के पास भेज दूंगा । )

5 . ' ओकरा अउर वोमेर ' ( उसके पास ) : - ए हा अन्य पुरुष एक वचन के साथ मा परयोग होथे ।

जइसे : -

ओकर मेर आना । ( उसके पास से आओ न । )

ओकर मेर रहना । ( उसके पास रहना । )

वोकर मेर हे । ( उसके पास है । )

6 . ' ओमन मेर, वोमन करा अउर उनकर मेर ' ( उनके पास ) : - एकर अन्य पुरुष बहुवचन के साथ परयोग होथे ।

जइसे : -

ओमन मेर ए हा खचित है । ( उसके पास यह निश्चत रूप से है । )

उनकर मेर । ( उसके पास । )

7 . ' काकर मेर या काखर मेर ' ( किसके पास ) : - ये शब्द एक बरोबर ले ( समान रूप से ) पुकारे जाथे ।

जइसे : -

काकर मेर हे ? ( किसके पास है ? )

काखर मेर गये रेहे तें ? ( तुम किसके पास गये थे ? )

काकर मेर संग भगागीस ओहा । ( किसके साथ भग गये वह । )

8 . ' मेर अउर इन मेर ' ( यहाँ / यहाँ पर ) ए शब्द घलोक ओसनेच बतौर कस हे ।

जइसे : -

मेर आना । ( यहाँ आओ न । )

मेर बने हे । ( यहाँ पर अच्छा है । )

इन मेर गोठियाय के जघा हे । ( यहाँ पर बातें करने की जगह है । )

तोर जोरा ला मेर मढ़ा दे । ( तुम्हारे सामान को यहाँ पर रख दो । )

9 . ' ओ मेर, वो मेर अउर उन मेर ' ( उस जगह, वहाँ, वहाँ पर और उसके पास ) : - एमा घलोक शब्द मन के बोल - चाल मा गंज अन्तर हे तेला खाल्हे कोती थोकुन देखव 

जइसे : -

मेर आबे । ( वहाँ पर आना । )

वो मेर कहाँ है ? ( वहाँ पर कहाँ है ? )

उन मेर बईठ । ( उसके पास बैठो । )

10 . ' एखर करा, ए करा, इकर करा अउर इंकर करा ' ( इसके पास यहाँ पर / इनके पास ) : - एकरो उधारन ला घलोक देखव ।

जइसे : -

एखर करा नई हावै । ( इसके पास नहीं है । )

करा आ । ( इसके पास आओ )

एकर करा जाबे । ( इसके पास जाओगे । )

इंनकर करा बइठे हस । ( इनके पास बैठे हो । )

नोट : - अइसनेच किसिम के एक ठन अउर हे, जेमा समेरा, लंग, करा लगा के अरथ बोध कराय बर खाल्हे मा माढ़े हे लिखा, तेला देखव ।

जइसे : -

1 . समेरा, मेर, लंग, करा ( यहाँ पर )

2 . वो समेरा, वो मेर, वो लंग, वोकरा ( वहाँ पर )

3 . . मोर समेरा, मोर मेर, मोर लंग, मोर करा ( मेरे पास )

4 . हमर समेरा, हमर मेर, हमर लंग, हमर करा ( हमारे पास )

5 . तोर समेरा, तोर मेर, तोर लंग, तोर करा ( तुम्हारे पास )

6 . तुमन समेरा, तुमन मेर, तुमन लंग, तुमन करा ( आप के पास )

7 . ओकर समेरा, ओकर मेर, वोकर लंग, ओकर करा ( उसके पास )

8 . काकर समेरा, काकर मेर, काकर लंग, काकर करा ( किसके पास )

9 . एकर समेरा, एकर मेर, एकर लंग, एखर करा ( इसके पास ) आदि