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वर्ग शब्द

बाक्य परयोग

' क ' शब्द के अठारह रूप के कमाल

          सवाल के शब्द मा ' क ' के अड़बड़ कमाल हे । हमर कनिहाँ - कुबर धरे के बाद तको मुचमुचावत - गुदगुदावत छत्तीसगढ़ी माटी के रहवइया मन के गुड़तूर गोठ हा छाईत हे । कलपना, लालसा, हरीक - हुन्नर अउर मन के बिचार हा संसार के दूसर प्रानी ले कतकोन आघू हे, येला कुन्हू पार नी पा सके काबर की सबले ऊँचहा ये मनसे तन हा हे । तेकर कारन ओहा कई परकार ले अपन गोठ ला गोठियाथे । छत्तीसगढ़ी के सवाल मा ' क ' के कमाल ला खाल्हे देखो, जे ला दू चार दिन बने किसिम ले गोठियाय बर लार चूहते रहीथे ।

जइसे : -

कइसे ( कैसे ) । काबर ( क्यों / किस कारण ) ।

कतका / कतेक / केतेक ( कितना / कितने ) । कोन ( कौन )

काला ( किसको / किसे ) । कहाँ ( कहाँ ) । कब ( कब ) ।

कइसना / कइसन ( कैसा / कैसे / किस प्रकार ) ।

कामा ( किसमें ) । काकर ( किसका / किसके ) । का ( क्या ) ।

कै ( कितना / कितने ) । काय ( क्या ) । कति / कती ( किधर ) ।

कोन - कोन ला ( किस - किस को ) आदि । ।

1 . कइसे ( क्या / क्यों ) : - कइसे ला कइसे गोठियाय जाथे ? येखर जिज्ञासा कइसे परगट होथे ? येला देखे मा बड़ मजा आथे ।

जइसे : - कइसे ? काबर आय हस जी ? ( क्यों ? कइसे आना हुआ जी ? )

ओमेर तोला कइसे दीखिस ? ( वहाँ पर तुम्हें कैसे दिखा ? )

कइसे गा ! उहां जाबे ? ( क्यों श्रीमान ! आप वहाँ जायेंगे ? )

कइसे मोसी ! आज कहाँ जात हावस ? ( क्यों मोसी ! आज कहाँ जा रही हो ? )

2 . काबर ( क्यों / किस कारण ) : - एखर अलहन ( दुर्घटना ) या गोठ के कारन जाने बर परयोग होथे ।

जइसे : - उहाँ काबर गे रेहे ? ( वहाँ क्यों गये थे ? )

मोला कावर बतावत हावस ? ( मुझे क्यों बता रहे हो ? )

डौकी मन काबर झगरा होवत हा वो ? ( महिलाओं ! क्यों लड़ाई - झगड़ा कर रही हो ? )

दुरी - दुरा काबर झगरा होथो ? ( लड़का - लड़की झगड़े क्यों हो रहे हो ? ) आदि ।

3 . कतका कन / कतका / कतेक / केतेक ( कितना / कितने ) : जीनिस के तादात ( संख्या / मात्रा ) जाने खातिर एखर परयोग करे जाथे ।

जइसे : -

कतका बासी खाय ? ( कितना बासी ( दे० ) खाये ? )

कतेक मनखे गे रहीन ? ( कितने आदमी गये थे ? )

नदिया मा कतका पानी हावय ? ( नदी में कितना पानी है ? )

केतक बेरा बइठे ला जाना हे ? ( कितने समय बैठने को जाना है ? ) आदि ।

4 . कोन ( कौन ) : - कर्ता के बोध खातिर सवाल करे बर ' कोन ' के परयोग किए जाथे ।

जइसे : -

परोन दिन कोन तुम्हर घर बहठे रीहिस या ?

कोन काकर संग गोठियावत रीहिस ? |

कोन ला बलावत हावस ? ओ तोर कोन लागमानी हे ?

कोन मनखे खड़े हे ?

तोर कोन बदला लेही ?

तोर कोन बइला हर गवांगे हे ?

ओ आदमी तोर कोन हे ? आदि ।

नोट : - कोन के संग ' ल, हे, ऐ अउर जनी ' जोड़ के दूसर सारथक गोठ गोठियाय बर बनाय जाथे ।

जइसे : -

कोन जनी आही के नहीं । ( क्या पता आवेगा या नहीं । )

कोन ला ? ( किसको ? )

कोन हे ? ( कौन है ? )

कोन जनी कहाँ जाही ? ( क्या पता कहाँ जाएगा ? )

कोन गा ? ( कौन हे जी ? ) आदि ।

5 . कोन - कोन ( कौन - कौन ) : - ये भाखा हर सीधा अंगरी बता के इसारा करे कस लागथे ।  

जइसे : -

कोन - कोन आईन हे ? ( कौन - कौन आए हैं ? )

कोन - कोन ला कीहिस ? ( किस - किस को कहा ? )

कोन - कोन बताइन ? ( कौन - कौन बताए थे ? ) आदि ।

6 . कोन मन ( कौन लोग ) : - ये भाखा हर बहुवचन मा ब्यक्ति वाचक संज्ञा ( जीनिस ) ला जाने खातिर सवाल करे बर परयोग होथे । 

जइसे : -

कोन मन आये हैं ? ( कौन लोग आए हैं ? )

कोन मन झगरा करथें तोला ? ( कौन लोग तुमसे झगड़ा करते हैं ? ) आदि ।

7 . काला ( किसको / किसे / किससे ) : - कर्म कारक संज्ञा ( जीनिस ) ला जाने खातिर ए प्रश्न के परयोग होथे ।

जइसे : -

तें काला गोठियाबे ? ( तुम किससे बातें करोगे ? )

काला बताहूँ मोर घर के ढचरा ला ? ( मेरे घर के नखरा को किसे बताऊँ ? )

काला खाथस ? ( किसे खाते हो ? ) आदि ।

8 . कहां ( कहाँ ) : स्थान वाचक संज्ञा ( जीनिस ) जाने बर एखर परयोग होथे ।

जइसे : -

कहाँ पाबे ? ( कहाँ पाओगे ? )

कहाँ मेर हाट ठउर हे ? ( बाजार का स्थान कहाँ पर है ? )

कहाँ किंदरत हावस ? ( कहाँ घुम रहे हो ? ) कहाँ जाबे ? ( कहाँ जाओगे ? )

9 . कब / काबा ( कब / क्यों ) : - ये हर कतीक बेरा कुन्हू घटना होईस हे अउर कोन कारन से होइस हे, तेखर समें / बेरा ( समय ) अउर कारन के बोध कराथे ।

जइसे : -

खेत ले कब फिरबे ? ( खेत से कब लौटोगे ? )

शान्तिकुंज काबा गे रेहे ? ( शांतिकुंज क्यों गए थे ? )

कब परनाम चालु होगे ? ( प्रणाम कब शुरु हुआ ? )

काबा बिहाव करीस ओ हा ? ( उसने क्यों विवाह किया ? )

ए करा कब ले टिकस घर खुलिस हे ? ( यहाँ पर टिकट घर कब से खुला है ? ) आदि ।

10 . कइसन / कइसना / कइसन्हा ( कैसा / कैसा / किस प्रकार ) : क्रिया के तरिका ला जाने खातिर एखर अलग - अलग परयोग होवत रथे ।

जइसे : -

कइसन आय रीहिन ओमन ? ( वे लोग कैसे आये थे ? )

कइसन्हा सगा हे ? ( कैसा मेहमान हैं ? )

कइसना गोठियाथस सगा तहूँ ? ( कैसी बातें करते हैं आप भी श्रीमान जी ? )

11 . कामा / कामें ( किसमें ) : - करण कारक संज्ञा ( साधन ) - ( जीनिस ) ला जाने खातिर ये दुनो के परयोग होथे

जइसे : -

कामा गीस ? ( किसमें गये ? )

कामा भात खाबे ? ( किसमें भोजन करोगे ? )

खेत ला कामें जोतबे ? ( खेत की किससे जुताई करोगे ? ) आदि ।

12 . कामा - कामा ( किसमें - किसमें ) : - ए शब्द हा कभू - कभू मुँहू बक्क ले निकरथे, ते शब्द ला देखो एक कनी ।

जइसे : -

कामा - कामा गे रीहिन ? ( किसमें - किसमें गए थे ? )

ओमन कामा - कामा गीन ? ( वे लोग किसमें - किसमें गये ? ) आदि ।

13 . काकर / काखर ( किसका / किसके / किसकी ) : - संबंध कारक संज्ञा ( जीनिस ) ला जाने बर एखर उपयोग होथे ।

जइसे : -

डीही हा काकर रीहिस ए ? ( घर की जमीन किसकी थी ? )

पेन काखर हावे गा ? ( श्रीमान ! पेन किसका है ? ) आदि ।

14 . का ( क्या ) : - जिहाँ कमे उत्तर ला गोठियाय जाथे उहाँ ' का ' ले सवाल करे जाथे 

जइसे : -

तोर का नाव हे मितान ? ( मित्र ! तुम्हारा क्या नाम है ? )

का खाय उहाँ ? ( वहाँ क्या खाए ? )

का जाबे ऊहाँ ? ( वहाँ क्या जाओगे ? )

परोसिन का साग राँधे हस ओ ? ( पड़ोसन ! क्या सब्जी बनाई हैं ? ) आदि ।

15 . कै ( कितना / कितने ) : - जीनिस के बाटूर अउर मात्रा ला जाने बर ए शब्द ले सवाल करे जाथे ।

जइसे : -

कै गाड़ा धान होईस हे ? ( कितने बैलगाड़ी में धान हुए ? )

कै झन बईठे हवैं ? ( कितने लोग बैठे हैं ? )

कै आना लेबे ? ( कितने पैसे लेंगे ? )

कै लोगन आये हैं । ( कितने लोग आए हैं ? ) आदि ।

16 . काय ( क्या ) : - एखरोच उपयोग ' का ' जइसे ही होथे ।

जइसे : -

काय खाईस ओहर गा ?

( उन्होंने क्या खाया ? )

काय कबे ? ओ बड़ लपरहा ऐ ।

( क्या कहोगे ? वह बड़ा बातुनी है । )

सुन्ता काय बर बांधे हो ?

( सलाह - मश्वरा के लिए क्यों बैठे है ? )

काय फिकिर करथो ?

( क्या चिन्ता करते हैं ? ) आदि ।

17 . कति / कती ( किधर ) : एहर दिशा के जाने खातिर कहे जाथे ।

जइसे : -

कति कोती जाबे ?

( किस ओर जायेंगे ? )

मढ़ाबे कती ?

( रखोगे किधर ? )

कती लंग ते लोटिया मढ़ा देहे ?

( कहाँ पर लुटिया रख दिए हो ? ) आदि ।

18 . कोन ( कौन ) : - ए ला एक घाव केहे मा मजा नी आवे त दू घाव ' कोन - कोन ' गोठियाय ले थोरकुन गुड़तुर लागथे । ।

जइसे : -

कोन हा कोन - कोन ला कहिस ? ( किसने किस - किस को कहा ? )

कोन मन कोन - कोन पीटिस ? ( किन लोगों ने किस - किस को पीटा ) आदि ।

नोट : - परमात्मा बर जम्मो जीव - जीनिस हा ( हाथी ले चाटी तक के जीव हा ) एके बरोबर हे । कोनों अलहन, तादात, पहचान, बिबरन, माध्यम, हक ला जादा जाने के बेरा मा, बाटूर मा, लाग - मानी मा, जान - पहिचान मा, भीत - मितान, संगी - संगवारी, अरोसी - परोसी, गांव के जान पहिचान मन में अपन गोठ ला जोर ( बल ) दे के गोठियाय जाथे ।

जइसे : -

कइसना ले कइसना होगे ?

कइसे ले कइसे होइस गा ?

कहाँ ले कहाँ गीन ?

काए ले काए के हे रेहे ?

काकर ले काकर टुटीस - फाटिस ?

काखर ले काखर बिगड़गे ?

कतका ले कतका नुकसान होगे ?

कब ले कब गीन हावे ? आदि ।