जे संज्ञा या सर्वनाम शब्द मन ले कुन्हू लिंग ( नर या मादा जाति ) होय के बोध होथे ओला लिंग कथें । ए शब्द हा संस्कृत भाषा से लिए गेहे, जेकर अरथ चिन्हा ( चिन्ह ) होथे ।
लिंग भेद :
लिंग के चार भेद होथे
जे संज्ञा शब्द मन ले नर ( पुरुष ) जाति के बोध होथे ओला पुल्लिंग कथें । एला अइसन भी कह सकत हन कि जे संज्ञा शब्द हा पुरुष वाचक हे अउर जेकर ले पुरुषत्व के बोध होथे ओला पुल्लिंग कहे जाथे ।
जइसे : -
बेटा, रजा, बाबू, नौकर, बिलासपुरिहा, नर, टूरा, पुजेरी, ददा, देब, भाई, डौका, ससुर, भइया, भाटो, कका, बबा, बणू, डोकरा आदि ।
जे संज्ञा शब्द मन ले मादा ( स्त्री ) जाति के बोध होथे ओला स्त्रीलिंग कथें एला अइसन भी कह सकत हन कि जे संज्ञा शब्द हा स्त्री वाचक हे अउर जेकर ले स्त्रीत्व ( मादा जाति ) के बोध होथे ओला स्त्रीलिंग कहे जाथे ।
जइसे : -
बेटी, रानी, नोनी, नौकरहीन, बिलासपुरहीन, नारी, टूरी, पूजेरीन, दाई, देबी, बहिनी, डौकी, सास, भौजी, काकी, बड़ेदाई, आजीदाई, डोकरी, नानदाई, काकी, मोसी, लइकोरिन आदि ।
एमा न तो पुरुष के बोध होवै न स्त्री के | पेड़ पउधा , वस्तु ल एमा रखे जा सकत हे ।
जैसे - कुछ अरम पपाई ( पपीता ) खेखसा , बनकुन्दरू ।
एमा नर - नारी दुनों के अंग पाये जाथे ।
जैसे -
केंचुआ , जोंक , घोंघी , जोंधरी , तुमा , मखना , कुंदरू ।
( 1 ) मनखे के उमर अऊ नता बर अइसे लिंग पहचान होथें :
पुल्लिंग स्त्रीलिंग
बाबू लेनोनी
डोकरा ले डोकरी
छोकरा ले छोकरी
बेटा ले बेटी
ममा ले मामी
डौका ले डौकी
सारा ले सारी
मोसा ले मोसी
टूरा ले टूरी
गोरिया ले गोरी
बुढ़वा ले बुढ़िया
फूफा ले फूफू ( दीदी )
ददा ले दाई
दाऊ ले नोनी
कका ले काकी
भाई ले बहिनी
( 2 ) पसु - पक्छी ( पशु - पक्षी ) म लिंग पहचान :
एर्रा बिलाव = नर बिलाव
एरी बिलाव = मादा बिलाव
एर्रा मुसवा = नर चूहा
एरी मुसवा = मादा चूहा
एरीं पड़की = मादा फाख्ता
एर्रा मैना = नर मैंना
( 3 ) कुछ पसु म नर - मादा के अलग - अलग नाम रहिथे ।
बइला - गाय , भैंसा – भइसी , बोकरा - बोकरी ( छेरी - छेरिया ) , बछवा - बछिया ,
कुकरा - कुकरी , पोई / कुकुरी - कोटी , पठरू - पठिया , पड़वा - पड़िया ।
( 4 ) कुछ बनइला पसु ल स्त्रीलिंग बनाथे बर नाम के पाछु " इन ' पच्छु ( प्रत्यय ) जोड़े जाथे ।
जैसे -
बधवा ले बघनीन ,
कोहिला ले कोल्हनीन
नेवरा ले नेवरी
भालू ले भलवाइन
लमहा ले लमहीन
बेंगचा ले बेंगची
( 5 ) पद वाला पुल्लिंग ल स्त्रीलिंग बनाये बर " इन ' शब्द जोड़े जाथे ।
जैसे -
मण्डल ले मण्डलीन
किसान ले किसानीन
दुलौरूवा ले दुलौरीन
मास्टरले मास्टरीन
नचकार ले नचकारिन
पढंता ले पढंतीन
( 6 ) हक अऊ करतब बोध कराये बर " वाली " शब्द ल पच्छु जोड़े जाथे ।
जैसे –
नाचने वाला - नाचने वाली
पान वाला - पान वाली
घर वाला . - घर वाली
लहरवाला - लहरवाली
दूध वाला - दूध वाली
मया वाला - मया वाली
( 7 ) जाति बोध करइया शब्द बर " आइन " जोड़े जाथे ।
जैसे - पंडित - पंडिताइन , ठाकुर - ठकुराइन , नाऊ – नवाइन , राउत - रउताइन ।
( 8 ) करम ( कर्म ) सुभाव ( स्वभाव ) गुन वाला शब्द के अइसे लिंग पहचान होथे
जैसे -
जकहा ले जकही
दोकहा ले दोकह
टेपरा ले टेपरी
दोगला ले दोगली
गरीब ले गरीबीन
पिलपिलहा . ले पिलपिलहीन
पनटोरा ले पनटोरी
चोट्टा ले चोट्टी
कनवा ले कानी
बेचारा ले बेचारी
लबरा ले लबरी
सुकटा ले सुकटी
कुटहा ले कुटही
चिपरहा ले चिपरही
बइहा ले बही
कोकवा ले कोकी
दइजहा ले दइजही
छेछनहा ले छेछनही
तितरा ले तितरी
ढेंढ़ा ले ढेढ़ीन
चेपा ले चेपी
टेटरहा ले टेटरही
करलूठा ले करलूठी
कयरहा लेकयरही
टोटकहा ले टोटकही
मंगलू ले मंगली
भखला ले भखली
हरहा ले हिरही
कुदाँरी ले कुवारा
लइकोरहा ले लइकोरही
पागल ले पगली
रिसहा ले रिसहीन
भुखर्रा ले भुखर्री
लपरहा ले लपरही
मरकनहा ले मरकनहीन
टेडगा ले टेड़गी
गेजगेजहा ले गेजगेजही
खरचेलिका ले.खरचेलिन
धूमरा ले धूमरी
जूटलू / जूटला ले जूटली
सुलसुलहा ले सुलसुलही
कबरा ले कबरी
डउकाराय ले डउकाजरा
लेचका ले लेचकी
गोटकार ले गोठकारिन
डंडगवाया ले डंडगवी
चेपला ले चेपली
सुखरा ले सुखरी
हगरा ले हगरी
नटकूट ले नटकुटहीन
ललचहा ले ललचही
करबोंगरा ले करबोंगी
कुसवा ले कुसी
ओड़हरहा ले ओड़हरहीन
( 9 ) उमर अऊ लिंग अइसन होथे :
जैसे -
गेदा = नवजात शिशु
लइका = बच्चा , संतान
नोनी = बालिका
दाऊ , बाबू = बच्चा
छोकरी = किशोरी
छोकरा . = किशोर
टूरी = बाला
टूरा = बालक
कइना = कन्या
बर = वर
मुटियारी = युवती
चेलिक , ढिंगवा = युवक
तिरिया = नारी
डउका जात = पुरुष
नोनी लइका = बालिका
बाबू , लइका = बालक
महिला वर्ग
माई लोग = औरत जो माँ योग्य
महतारी = माँ, बच्चे वाली
दाई = स्वयं की माँ डोकरी
दाई = बूढ़ी माँ डोकरी
दाई = बड़ी माँ, दादी
डोकरी = बुढ़िया, बूढ़ी
बुढ़िया = बुढ़िया , बुढ़ी
संख , सेख बुढ़िया = जरावस्था
पुरुष वर्ग
छोकरा , लइका = लड़का , नर
ददा = पिता , दादा
डोकरा ददा = दादा
डोकरा = बुड्ढा
संख , सेख बुढ़वा = ( बुड्ढा ) जरावस्था
सेख = शेष (आयु का अन्तिम क्षण या संख = शंख = जरापन)
(10) हिंदी असन (समान) छत्तीसगड़ी के होते म ईकार न हो होवै अउ कम शब्द गो गोठ बन जाथे।)
जैसे –
हिंदी वाक्य छत्तीसगढ़ी वाक्य
(i) लड़का गीत गा रहा है। = टूरा गीद गावत हे।
(ii) लड़की गाना गा रही है = टूरी गीद गत हे।
(iii) गाय घास खाती है। = गाय कांडी खाथे।
(iv) गाय दूध देती है। = गाय का दूध देथे।
(v) बिजली चमकती है। = बिजली चमकाना।
(vi) हवा बह रही है। = धूंकट हे।
(vii) पिताजी आयेंगे। = दादा आही।
(viii) बैल घास चर रहा है | = गरुवा चरत हे।
(ix) माँ, प्यार करती है। =,मया करथे।
(x) रेलगाड़ी आ रही है। = गाड़ी आवत हे।
(xi) नदी बह रही है | = नदिया बहत हे।
(xii) राधा पानी भर रहा है। = राधा, पानी भरत हे।
(xiii) सांप चल रहा है। = सांप सलगत हे / सांप रेंगते हे।
(xiv) मुझे स्वप्न आता है। = मोला सपना आथे / या मैं सपनाथौं
(xv) फूल, खिल रहा हूँ। =फूल फूलत हे।