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वर्ग शब्द

बिहाव

बिहाव हर मया के पतिवर बंधना ए । ए चलागत हर दुनिया म हे । एहर अइसना बंधना ए के एकर गइंठ हर अब्बड़ बज्जर होथे । दांत म चाब के निकाले ले घलो झट कन नइ छूटै । सासतर ( शास्त्र ) म बिहाव के आठ भेद बताये गये हे पर छत्तीसगढ़ म ए बिहाव हर अइसन हे । एमन के केवल नाम ल लिखत हौं ।

1. छुट्टा बिहाव, 2. कइना दान, 3. गुराँवट,  4. ढेंढा़ बिहाव, 5. चढ़ बिहाव,

6. चुरियाही  7. उड़हरिया,  8. बिधवा (रांडी) बिहाव,  9. धरम खाम बिहाव, 10. घरजीया बिहाव

बिहाव ओखी –

 मड़वा, मड़वा डार, चुलमाटी, करस, करवा, भाँवर सिंधोरा, चुरमुन्दरी, पर्रा, डिंडवा, मंगरोहन, हरदियाही, बरात, बिजना, परधनी, तेल हरदी चढ़ावन, मउर, कनकन, डुलहा, डुलही, झापी ।