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वर्ग शब्द

दिन - बादर ( वर्ष भर का समय )

बिधाता हा हमर बा कतीक खियाल राखथे पर हम मानुष चोला ला एको कनी दया नी उले रात - दिन दोष उहीच ला देवत रहीथन । पर ओ बड़ दयालु हे काखरो बर इरखा नी करे । अपन करम कमाई ले ये धरती मा भोगे ला परतेच । जिनगी भर ला बने - बने चले कहिके हर दिन , बेरा , जुवार , काल , रितु मन ले पूरा दिन - बादर ला सकेल के राखे हे । जे हमर जिनगी मा बढ़िया किसम के बदलाव लाथे ते पूरा बच्छर भर चूटकी बजाते कट जाथे । भगवान कभू अपन जीव लईका बर घुसियाय नहीं ओ सबोझिन बर बने मया करथे । नन्हे जीव ले लेके हाथी कस बड़का जीव मा ओखर किरपा हे , ओखरे बिगन पत्ता तक कभू नी हाले । भगवान के गजब के महिमा हावे जे येला बनाय हे ।

1 . दिन के नाव ( नाम ) एतवार , सम्मार , मंगल , बुधवार , बिरसपत , शुकरार , शनिच्चर । चार जुआर = एक दिन । बारा घंटा = एक दिन । चोबिस घंटा = एक दिन - रात । सात दिन = एक हप्ता । बीस = एक कोरी । बीस काठा = एक खाड़ी । बारा महिना = एक बच्छर , बारह बच्छर = एक युग , एक घेरा । महिना के नाव ( नाम ) चईत , बैइसाख , जेठ , असाड़ , सावन , भादो , कुवार , कातिक , अग्घन , पुष , माघ , फागुन । ।

2 . तीन बेरा ( तृकाल संध्या ) बिहनियाबेरा , मंझनियाबेरा संझनियाबेरा ।

तीन काल : - 1 . अभीबेरा ( वर्तमान काल ) । 2 . मधमबेरा ( भूतकाल ) । 3 . पछमबेरा ( भविष्यत काल ) ।

3 . चारजुग : - 1 . सतजुग ( सतयुग ) । 2 . दुवापर ( द्वापर ) । 3 . तेरेता ( त्रेता ) ।

4 . कलजुग ( कलयुग ) ।

5 . तीन रितु ( ऋतु ) वर्ष भर : -

1 . धुपकाला ( ग्रीष्म ऋतु ) ।

2 . जाड़ा ( ठंड ऋतु ) ।

3 . चम्मास ( वर्षा ऋत ) ।

एक पहर के तीन घंटा

चार पहर के एक दिन ।

बारह घंटा के एक दिन ।

चौबिस घंटा के एक दिन - रात ।

सात दिन के एक सप्ताह । ।

पन्द्रह दिन के एक पखवाड़ा ।

तीस दिन के एक माह ।

तीस - तीस दिन के तीन महिना ला तिमाही ।

बाहर माह के एक बच्छर या 365 दिन के एक साल ।

बारह बच्छर के एक सूरुज साल ।

परकाश ( प्रकाश ) साल ले चदैनी ( तारा गण के दूरिया नापे जाथे )

परकाश वर्ष मायने 10 ट्रिलियन किलो मीटर के भितरी होथे ।