छत्तीसगढ़ के रोटी - पीठा , मिठहा जीनिस , लाडू , चटनी
हमर छत्तीसगढ़ मा सौंक से अपन खाय पिये बर या सगा - सोदर , बर किसिम - किसिम के कलेवा बना के खावय जाथे । पहुना के आदर - सत्कार हा भगवान के आदर - सत्कार माने गेहे अउर ओला भगवान बरोबर मान - गोन करथें काबर की ओ नराज झिन हो जावे । ओखर नराजगी , खिसियइ हा बने भाउनाबान ला सहे नी सकहीं तेकर सेती ओला सम्मान करथें । ये हमर मातु संस्कृति के देन हावै । ये गजब के सिधवा भावना है । छत्तीसगढ़ मा आज घलो कलेवा बना के पहुना के खान - पान बने करथें अउर तो अउर रस्ता बा तको कलेवा जोर गठिया के ओकर बिदा करथें , कथें की अउरे आहू । कुन्हू हमर आदर मा खोट या कमी होगीस होही ते छिमा कर देहू तूंहूमन
1 . मीठहा जीनिस ( कलेवा ) : - बिहाव के करीलाडू । गौर - गौरी के गुझा । गाँव बुलवा के अडिसा । मरनी - हरनी के अरसा , एतवारी के गुरहाचिला । सौंक के दूधफरा । नागरपूजा हरेली के गुरहा चिला , सेवई , खीर । परघौनी के गुलगुल भजिया , खुरमी । पूजा के रोंट । सदोरी बरी के खीर , हलुआ , तिखुर । पाकेपपई , पिड़िया , रखियापाग , कोचईपपची , रसकतरा , कुसली , खाजा , बिरिया , पकुआ आदि ।
2 . नुनहा जीनिस मा : - मीठ - मीठ खाय ले मन जब अकता जाथे त नुनहा जीनिस थोकुन खाय बर मन ललचाथे तो आवव अब नुनछूरहा के नाम जान लेथन रोटी के राजा अंगाकररोटी हे ओमा घीव लगा दे ते मजा मत पूछ । जेठोनी के फरा । बेटी बिदई के बरारोटी , सोहारी । नगरीया के खपो रोटी । पितरपाख के बरा , सोहारी । होली तिहार के ठेठरी , खुरमी । संदानी के चिलारोटी । पिठिया , बफौरी , चौसेला , हथफोड़वा , अरिकन , सेवसलोनी , कड़ी , डुबकी , सईगोड़ा , पपरिया , खखरिया , नूनहा चिला , करी , आदि ।
3 . लाडू ( लड्डू ) : - लाडू कोन ला नीक नी लागही भला कथे कि गनेश ला लाडू गजें सुहाथे तभे तो ओला लंबोदर कथें अउर ओखर परसाद मा लाडू भोग लगाय जाथे । करीलाडू , मुर्रालाडू , भोक्कालाडू , तीलीलाडू , बेसनलाडू , नरिहरलाडू , मोतीचूरलाडू , पिसानलाडू , सिंगाड़ालाडू , बोईरलाडू , छेवारीलाडू , जोंधरालाडू , बुन्दीलाडू , मेथीलाडू , चिरोंजीलाडू , महुवआलाटालाडू , बेसन लाडू सूजीलाड़ आदि ।
4 . चटनी : - चटनी हर बेरा खाय जाथे ये तो जेवन के संग सुवाद के काम आथे । गरिबहा के तो येही साग - पान हे बिचारामन बिगन साग के भात - बासी ला लडेर - लड़ेर के खा लेथें । येला चिखना चटनी घलोक कथें । बिसेष कर जलसा मा तो चटनी बरनबानी के बड़े सौंक से बनाय के खवाय जाथे । अमीरहा के तो सौकिन के चटनी हे , ओमन बरन - बानी के चटनी खाते रथें तो आवव चटनी के परकार ला जानन : - बंगाला के चटनी , चिरपोटी बंगाला के चटनी , पदीना के चटनी , नूनमिरचा के चटनी , कैंथ के चटनी , कदम के चटनी , आदा के चटनी , धनियाँ के चटनी , लसून के चटनी , करोंदा के चटनी , बोईर के चटनी , फन्नस के चटनी , आमा के चटनी , अमली के चटनी , आँवरा के चटनी , भाटा के चटनी , अमली कुरवा के चटनी , अबगा मिरर्चा के चटनी , अमारीफूल के चटनी , सोंप के चटनी , अटरी के चटनी , मूंगफली के चटनी , चकरोता के चटनी , चपोड़ा के चटनी , गस्ती के चटनी , गोंदली के चटनी , जिमींकाँदा के चटनी , डाँगकाँदा के चटनी , सरसों के चटनी , मेंथी के चटनी , नरिहर के चटनी , चिल्टा के चटनी , गाजर के चटनी , अरसी के चटनी आदि बिहाव मन मा अबड़े बनाथें ये चटनी मला ।