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चिन्ता राम धुर्वे

पिता :- श्री दुखू राम धुर्वे
सम्पर्क:- 7771954964, 9406421945
ईमेल :- dhurvechintaram@gmail.com
जन्म तिथि :- 01071981
शिक्षा:- एम.ए.(हिन्दी साहित्य,समाजशास्र्त,राजनीतिशास्त्र,इतिहास)डी.एड
पता :- ग्राम-सिंगारपुर पोस्ट ठाकुरटोला तह.छुईखदान जिला राजनांदगाँव (छ.ग.)पिन 491888
पद:- सहायक शिक्षक
विधा :- नही
रचना1 शीर्षकन :- यहू तोर का विकास
रचना1 :- यहू तोर का विकास """""""^^*^^""""""" मनखे यहू तोर का विकास। परकिति के करे तँय विनास। रुख-राई ल काट डरे। तरिया नदिया ल पाट डरे। कांकरिट के बिछा डरे जाल। तभो ले समझ नईहे चंडाल। भुँइया ल चलनी अस छेद डरे। बाचे खुचे ल ईटा भट्ठा म लेस डरे। परकिति ह चेतावत हे। बेरा रहत समझावत हे। सब झन दु चार पेड़ लगावंव। रुख-राई अँउ पानी ल बचावव। नईतो जिनगी के नइहे ठिकाना। सब जीव हो जही इहा तनानना। """""^^^^^"""""""" चिन्ता राम धुर्वे
रचना2 शीर्षकन :- शहीद वीर नारायण
रचना2 :- शहीद वीर नारायण """""^^*^^""""" छत्तीसगढ़ के माटी बँदव, भुँइया सोनाखान हे । जिहा जनमीन वीर नारायण, दीन अपन बलिदान हे। छत्तीसगढ़ के स्वाभिमानी बेटा, लड़िस छाती तान के। फिरंगी ले कभु नइ डरीस, वीर राजा सोनाखान के। अंकाल के दिन म संगी, जनता भुखन मरत सहय। राज खज़ाना के सबो, दाना घलो बटागे रहय। सेठ ले विनती करिस, देदे तोर गोदाम के दाना। बाड़ही सहित चुका देहु, नई रखहूँ एको आना। ओ निर्दयी सेठ म संगी, थोरको दया नइ जगिस। लोग लइका के भूख ल, नारायण देखन लागिस। कुछु चारा नइ दिखिस त, सेठ के अन्न ल बटवइस। ओ बईमान सेठ ह जाके, फिरंगी मनला बतइस। वीर नारायण ल पकड़े के, मउका खोजत रहिन पागे। चोरी के मुकदमा चलाके, फाँसी के सज़ा सुनागे। दस दिसम्बर 1857के, गाँव घर म मातम छागे। जय स्तंभ चौक म वीर, नारायण ल फाँसी लगागे। वीर बहादुर बेटा ल, थोरको डर नइ आइस। छत्तीसगढ़ के बघवा बेटा, पहिली शहीद कहाइस। """"""""""""""****"""""""""" चिन्ता राम धुर्वे
पुरस्कार :- नहीं