पिता :- | श्री दुखू राम धुर्वे |
सम्पर्क:- | 7771954964, 9406421945 |
ईमेल :- | dhurvechintaram@gmail.com |
जन्म तिथि :- | 01071981 |
शिक्षा:- | एम.ए.(हिन्दी साहित्य,समाजशास्र्त,राजनीतिशास्त्र,इतिहास)डी.एड |
पता :- | ग्राम-सिंगारपुर पोस्ट ठाकुरटोला तह.छुईखदान जिला राजनांदगाँव (छ.ग.)पिन 491888 |
पद:- | सहायक शिक्षक |
विधा :- | नही |
रचना1 शीर्षकन :- | यहू तोर का विकास |
रचना1 :- | यहू तोर का विकास """""""^^""""""" मनखे यहु तोर का विकास। परकिति के करे तँय विनास। रुख-राई ल काट डरे। तरिया नदिया ल पाट डरे। कांकरिट के बिछा डरे जाल। तभो ले समझ नईहे चंडाल। भुँइया ल चलनी अस छेद डरे। बाचे खुचे ल ईटा भट्ठा म लेस डरे। परकिति ह चेतावत हे। बेरा रहत समझावत हे। सब झन दु चार पेड़ लगावव। रुख-राई अँउ पानी ल बचावव। नइतो जिनगी के नइहे ठिकाना। सब जीव हो जही इहा तनानना। """"""""^^*^^"""""""""""" चिन्ता राम धुर्वे |
रचना2 शीर्षकन :- | कोरोना के कहर |
रचना2 :- | कोरोना के कहर """"""^^"""""" दुनिया भर में फइले हवय, कोरोना के कहर। कोनो जगह बाचे नइहे, गाँव होय चाहे सहर। दिनो दिन बाढ़त हवय, कोरोना महामारी । सुरक्षा ह बचाव हरय, सुनव जी संगवारी। सर्दी खाँसी बुखार हरय, ओखर गा पहिचान। ये सब लक्षन होय ले, तुरते अस्पताल जान। साफ-सफाई के रखव , सब मिलके धियान। साबुन से हाथ धोवव, लइका अँउ सियान। घर ले बाहिर जावन त, मास्क लगा के जावन। एक मीटर के दुरिहा ले, लेन देन सब निपटावन। कोनो संग मिलन ता, हाथ ला झन मिलावन। राम भजन करके, जोहार ला स्वीकारन। भीड़ भाड़ होवय झन, ये बात के रखव धियान। चैन बनाय ले रोकबो, तभे हो पाही जी निदान। """""""""""******"""""""""""""" चिन्ता राम धुर्वे ग्राम-सिंगारपुर (पैलीमेटा ) |
पुरस्कार :- | नहीं |