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जशपुर-सामरीपाट प्रदेश



 जशपुर-सामरीपाट प्रदेश
स्थिति - यह छत्तीसगढ़ प्रदेश के उत्तर-पूर्वी सीमांत हिस्से में सरगुजा बेसिन के पश्चिम एवं दक्षिण-पश्चिम में अवस्थित है। इसका विस्तार 22°18 से 2340* उत्तरी अक्षांश व 832 से 8420° पूर्वी देशांतर के मध्य है। इसका क्षेत्रफल 6205.9 वर्ग कि.मी. है जो सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ का 4.59% है। यह पूर्वी सरगुजा जिले के दक्षिणी अम्बिकापुर, सीतापुर, लुंड्रा तथा सामरी, जशपुर जिले के बगीचा, जशपुर, कुनकुरी एवं पत्थलगांव तहसीलें तक विस्तृत है।
भौतिक संरचना - यह एक पाट क्षेत्र है। वस्तुत. पाट एक उच्च समतलीय य पठारी स्थलाकृति होती है, जो अपने शीर्ष में सपट और पार्य में सोपान सदृश्य तीव्र ढालदार होता है। पाट' शब्द का अर्थ शिखर वाले "मीसा" पठारों के लिए प्रयुक्त होता है। यह महानदी के मैदान (छत्तीसगढ का मैदान) से ऊपर उठकर छोटा नागपुर के पठार में मिल जाता है। इस प्रदेश का धरातल सीढी के समान है. जिसमें अनेक तल हैं, जो तीन दालों के द्वारा एक दूसरे से पृथक हो गये हैं। दाल से ऊपर घढ़ने पर जो तल 400 से 1000 मी. ऊँचा है. वही वास्तव में पाट कहलाता है। इस प्रदेश की रचना अत्यंत प्राचीन शैलों से हुई है। इस पाट प्रदेश में मैनपाट. जारगपाट. सामरीपाट. जशपुर पाट आदि प्रमुख हैं। मैनपाट (ऊँचाई 1152 मी.) पूर्वी सरगुजा जिले के दक्षिण सीतापुर तथा दक्षिण अबिकापुर तहसीलों में, जारंगपाट (ऊँचाई 1145 मी.) पूर्वी सरगुजा, उत्तरी सीतापुर व लुन्ड्रा तहसीलों में तथा सामरीपाट (ऊंचाई 700 से 1250 मी.) पूर्वी सरगुजा के सामरी तहसील में आता है। सामरी पाट में गौरलाटा चोटी (1225 मी.) छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा भाव है। इसमें कोटरी नामक जलप्रपात मिलता है। जशपुर पाट में (ऊँचाई 750 से 1200 मी.) संपूर्ण जशपुर जिले में विस्तृत है। क्षेत्रफल में यह प्रदेश की सबसे बड़ी पाट भूमि है।
अपवाह - इस प्रदेश में तीन नदी. प्रणालियाँ हैं। महानदी की शाखा ईब नदी, ब्रम्हाणी की शाखा शंख नदी, सोन की शाखा कन्हार नदी आदि हैं। यहाँ से निकली अन्य नदियों में मांड मैनपाट से निकली है, जो उत्तर से दक्षिण दिशा में बहती हुई रायगढ़ जिले में महानदी से मिलती है। ईव पंड्रा पाट (जशपुर तहसील) से निकलकर उत्तर से दक्षिण-पूर्व में बहती हुई उड़ीसा में महानदी में मिल जाती है।
जलवायु - यहाँ की जलवायु उष्णाई एवं शुष्क अर्थात उष्णकटिबन्ध मानसूनी प्रकार की है। यहाँ औसत तापमान ग्रीन काल में 32 से 36 तथा शीतकाल में 17 से 21' से. रहता है। वर्षा यहाँ अधिक होती है। जशपुर नगर का वार्षिक औसत 172 से.मी. है।
मिट्टी तथा वनस्पति - यहाँ नदियों के कछारों में जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है। मुख्यतः लाल-पीली तथा कुछ हिस्से में लाल-दोमट मिट्टी भी मिलती है। इस भाग में उष्ण-आई पर्णपाती व पर्णपाती वन मिलते हैं, जो पाट प्रदेश के 38% हिस्से में हैं। इनमें साल तथा इसकी सहवासी प्रजातियों की प्रधानता है।
उपज व खनिज - जशपुर सामरी पाट प्रदेश के 35% भाग में कृषि की जाती है। कृषि में धान, मक्का. गेहूँ, चना, तुअर, तिलहन में तिल, सरसों, अलसी व मूंगफली उत्पादित की जाती है। यहाँ बॉक्साइट मुख्य खनिज है।