आधार बनाने में प्राइवेट वेंडर्स नहीं कर सकेंगे मनमानी, सरकारी परिसरों में बनेंगे सेंटर
आधार को लेकर मिल रही कई शिकायतों के बाद यूनिक आईटेंडिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने एक बड़े बदलाव का फैसला लिया है। यूआईडीएआई ने निर्देश जारी किए हैं कि अब आधार सिर्फ सरकारी संस्थानों के परिसर में ही बन सकेंगे। गौरतलब है कि लंबे समय आधार बनाने और उसमें किसी भी तरह का बदलाव कराने पर कई वेंडर्स द्वारा आम लोगों से पैसा वसूला जा रहा था, जबकि आधार पूरी तरह निशुल्क है।
सूत्रों के मुताबिक सितंबर तक इस बदलाव को लागू कर दिया जाएगा। दरअसल, आधार के लिए करीब 25 हजार एनरोलमेंट सेंटर्स हैं और वो सभी सरकारी संस्थाओं की देख-रेख में आ जाएंगे। यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पाण्डेय ने सभी राज्यों को ये जानकारी लिखित में दे दी है और कहा हैं कि 31 जुलाई तक इसे अप्लाई कर लें।
अभी तक आधार बनाने वाली प्राइवेट एजेंसियों के दफ्तर अपनी सुविधा अनुसार क्षेत्र में हैं। इस वजह से भी आधार बनवाने के लिए लोगों को कई चक्कर काटने पड़ते हैं। पाण्डेय के मुताबिक सभी निजी आधार एनरोलमेंट सेंटर्स को जिला कलेक्टर, जिला परिषद और निगम कार्यालयों जैसे परिसरों में शिफ्ट होना पड़ेगा। साथ ही वे बैंकों, ब्लॉक ऑफिस, तहसील कार्यालय और राज्य सरकारों के किसी भी विभाग के परिसर में अपना ऑफिस शिफ्ट करना होगा।