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जीएसटी को अपनाने के लिए देश भर के व्यापारियों ने कसी कमर



नई दिल्ली। व्यापारियों के शीर्ष संगठन, कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने शुक्रवार को कहा कि एक जुलाई से देश भर में लगने वाले जीएसटी कानून को अपनाने के लिए व्यापारी तैयारियों में जुट गए हैं और अपनी प्रणाली को आवश्यक सॉफ्टवेयर एवं प्रौद्योगिकी से जोड़ रहे हैं। कैट ने सरकार से आग्रह किया है कि कपड़ा, ऑटो स्पेयर पार्ट्स, अनाज, हाउसिंग सेक्टर से संबंधित व्यापारियों की कुछ चिंताएं हैं, जिन पर ध्यान देकर उनका निराकरण करना उचित होगा। कैट ने यह भी कहा कि चूंकि कपड़ा व्यापारी अभी तक अप्रत्यक्ष कर के दायरे में नहीं थे, इसलिए यदि उन्हें कर प्रणाली को समझने के लिए कुछ समय दिया जाए और बाद में उन्हें जीएसटी में लाया जाए तो अच्छा होगा। कैट ने एक बयान में कहा कि उसने सरकार को यह भी सुझाव दिया है कि जीएसटी के मूल बिंदु और कर पालना को लेकर आसान शब्दों में एक परिपत्र यदि जीएसटी नेटवर्क द्वारा सभी पंजीकृत व्यापारियों को मेल द्वारा भेज दिया जाए तो जीएसटी के बारे में फैली भ्रांतियां काफी हद तक दूर हो सकती हैं। जीएसटी नेटवर्क पर अब तक लगभग 65 लाख व्यापारी पंजीकृत हो चुके हैं। कैट के अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “जीएसटी सरकार एवं व्यापारी दोनों के लिए बिल्कुल नई कर प्रणाली है और शुरुआती दौर में स्वाभाविक रूप से कुछ परेशानियां आएंगी, नए सवाल उठेंगे और चुनौतियां भी आएंगी। सरकार और व्यापारी दोनों के लिए यह एक सीखने की अवधि होगी। ऐसे में जीएसटी की प्रक्रिया में कुछ समय के लिए छूट देने से व्यापारियों का जीएसटी में प्रवेश सुगमता से हो सकेगा और जीएसटी में समयानुकूल संशोधन की प्रक्रिया जारी रहेगी।” भरतिया एवं खंडेलवाल का अनुमान है की जीएसटी लागू होने के लगभग छह