तांदुला नदी
तांदुला नदी :- इस नदी का नाम तंदुल (चावल) पर से पड़ा है क्योंकि यह कहा जाता है कि बहुत समय पहले एक बार ेक गोंड़ नदीं के पार एक बांध बनाया और बांध के नावें 162 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र में चावल पैदा किया था तब से ही इस नदी को तांदुल के नाम से जाना जाने लगा । तांदुला बस्तर के भानुप्रतापपुर के उत्तर पहाडिय़ों से निकलकर आगे दुर्गजिले की ओर बढ़ती है । इसके 34 वें किलोमीटर पर इसमें दाहिने किनारे पर सूखा नदी मिल जाती है जिस स्थान के पास इन दोनों नदियों पर बालोद तथा अहमदाबाद के ऊपर संयुक्त रूप से बांध बनाया गया है । बांध के ऊपर की ओर मूल सरिताओं के किनारे-किनारे दोसंलग्न त्रिकोण क्षेत्रों में तांदुला जलाशय फैला हुआ है । तांदुला नर इस बांध के पानी के शिवनाथ तथा खारून के बीच के मैदान के पूर्वी भाग की सींचती है । यह भिलाई इस्पात मिल तथा नगर को जल की पूर्ति भी करती है । यह नदी दुर्ग के किनारे पर अन्य महत्वपूर्ण गांव डौंडी तथा गुण्डरदेही है । नदी की कुल लंबाई लगभग 96.6 किलोमीटर है । सिका अधिकांश तल रेतीला है और इसके किनारे अपेक्षाकृत नीचे हैं ।