महानदी
महानदी : यह राज्य की सबसे बड़ी नदी है । यही नहीं यह देश की अकेली नदी है जिसे महानदी का दर्जा दिया गया है । दरअसल इसके उद्गम का स्थान काफी विशाल होने के कारण संभवत: यह नाम दिया गया होगा । इसका नदी कछार भी प्रदेश के अन्य नदी तंत्रों से ज्यादा अन्य बड़ा है । महानदी का उद्गम् राज्य की राजधानी रायपुर के करीब स्थित सिहावा पर्वत श्रेणी की एक पहाड़ी से होता है । यह स्थान नगरी के पास है अपने उद्गम स्थल प्रवाहित होती हुई महानदी, राज्य के एक बड़े भू- भाग की परिक्रमा करती हुई । उड़ीसा राज्य में प्रवेश कर जाती है । जहां वह कटक से कोई 256.5 किलोमीटर दूर चौड़ डेल्टा से होते हुए बंगाल की खाड़ी में समा जाती है । महानदी की कुल लंबाई 965.6 किलोमीटर है । राज्य में यह नदी अपने उद्गम स्थल से निकलकर, नगरी के पास से होते हुए, पश्चिम की तरफ बहते हुए, कांकेर के पास तक पहुंच जाती है । जहां से यह उत्तर पश्चिम की तरफ मुड़ते हुये, चरामा से उत्तर से पूर्व की तरफ प्रवाहित होने लगती है । जहां से वह धमतरी, नवापारा, राजिम सिरपुर और बलौदा बाजार के समीप से गुजरती हुई । बस्तर और बिलासपुर के बीच की सीमाओं में आगे बढ़ती है । यहां से महानदी रायगढ़ जिले से होती हुई उड़ी राज्य में प्रवेश कर जाती है जहां उसका सफर बंगाल की खाड़ी में समाप्त होता है । राज्य में महानदी की प्रमुख सहायक नदियां, शिवनाथ हसदो, खारून , पैरी सोंढूर, जोंक आदि है । इनमें से कुछ सीधे तो कुछ दूसरी सहायक नदियों के साथ मिलकर महानदी से मिलन करती है । महानदी के नाम पर राज्य के नए मंत्रालय भवन का नामकरण किया गया है। यह इस बात का प्रतीक है कि महानदी किस तरह छत्तीसगढ़ के जनजीवन और संस्कृति में पूज्य व श्रद्घा की केन्द्र है।